lockdown comedy jokes
Bechara Dulha
मैं एक ऐसा कोरोना वारियर्स हूँ जिसने इस महामारी के काल में भी एक जीवनभर की बीमारी को अपने घर लाने का फैसला किया | लेकिन ये फैसला इंतना आसान भी नहीं रहा मैंने किन -किन परिस्थितियों का सामना किया उसी की कथा मैं आपको सूक्ष्म शब्दों में बताने की कोशिश करुगा | मुझे उम्मीद है की आप मेरी भावनाओ को मुझ से बेहतर समझ सकेंगे | 😔😔😔😔😔😔
इस कथा की शुरुआत तब होती है जब मुझे 50 लोगो के साथ अपना जीवन बलिदान करने की इजाजत मिली | ख़ुशी इस बात की थी कि दो महीने से शादी की तारिक तय नहीं हो पा रही थी और गम इस बात का था कि 50 लोगो के बीच में मैं छुप भी नहीं पाउँगा 500 लोग होते तो शायद कुछ ओर ही मजा आता | 😖😖😖
बलि चाहे 50 लोगो के बीच दो या 500 के बीच बलि तो देनी पड़ेगी क्या फर्क पड़ता है | बुरे दिनों की अभी तो शुरुआत ही हुई थी की मुझे शॉपिंग के बदले पास बनाने के लिए भेजा गया | भला शादी करने के लिए कोई दूल्हा , दुल्हन को लाने के लिए पास बनाता है क्या ? मेरे प्यार का रंग कितना गहरा है कैसे देखता मै क्योकि जिन हाथो में महेंदी लगनी थी उनपे सफेद दस्ताने लगाए गए | 😩😩😩😩
मेरी सहनशीलता की परीक्षा अभी खत्म नहीं हुई थी इसलिए मेरे बदन पर हल्दी कम और एक सेनेटाइजर नामक पदार्थ की मात्रा अधिक लगाई गयी थी | एक वक्त तो मुझे लगा शायद पडित हरिद्धार से गंगा जल लेके आये हैं |😂😂😂😂😂
हद तो तब हुयी जब सब लोग अपने अपने मन पसंद के कपडे पहन रहे थे और मुझे शेरवानी की जगह पीपीई किट पहनाया गया पर शुक्र गुजार हु उस पडित का जिसने मेरी जिद करने पर सिर पर शेहरा पहनने दिया | अपनी वेषभूषा शीशा में देखकर मानो ऐसा लग रहा था जैसे कोई आदमी एक ही तीर से दो -दो निशाने लगाने के लिए तैयार हो रहा था | इनका मुझे इस तरह से सजाने का मकशद मेरी समझ से परे था नीचे से कपड़ो को देखू तो में एक डॉक्टर और ऊपर से शेहरा को देखूं तो मैं एक दूल्हा लग रहा था | 😢😢😢😄😄
फेस मास्क के बारे में तो मत पूछो लोगो का दम तो शादी के बाद घुटता है और मेरा शादी से पहले ही घुटते लगा | पूरी बारात में सिर्फ दो ही गधे थे एक मैं जो इतने मुश्किलों का बोझ उठा कर भी चुप था और एक मेरा घोडा जो मेरी मुश्किलों के साथ मेरा भी बोझ उठाये चल रहा था | खैर कोई तो था उस शादी में जो मेरी भावनाओ को समझ रहा था वरना पास आना तो दूर की बात है कोई एक दूसरे से बात तक भी नहीं करना चाहता था | 😡😡😡
पहुंचे जब हम ससुर जी के घर में तो यहाँ भी वही कहानी थी ससुर जी ने मेरे गले में माला डालने से पहले मेरा टेम्परेक्टर चैक किया कि कही मुझे बुखार तो नहीं अगर होता तो भी वो भला क्या कर सकते थे |😠😠😠😜
जयमाला का दृश्य भी अदभुत था स्प्रे तो कही दिख नहीं रही थी पर वो सेनेटाइजर की बोतल हर आदमी के हाथ में थी और वही हमारे ऊपर माला डालने के बाद डाला गया | कर भी क्या सकते है हर किसी का ख़ुशीयों को मनाने का अपना -अपना अंदाज होता है पर इधर तो पंडित भी घी के बदले आग में भी सेनेटाइजर छिड़क रहे है | पंडित का कहना था कि इससे आस पास के सारे किटाणु मर जायेगे | 😯😯😄😄😄
एक बात बताना तो मैं भूल ही गया कि दुल्हन के गले में माला डालने की शर्त भी बड़ी अजीब थी दो गज दूर खड़ी थी दुल्हन और माला मेरे हाथो में पड़ी थी | शर्त यही थी की मुझे इतनी ही दुरी से दुल्हन की गले में माला डालना है क्योकि सोशल डिस्टेंस का पालन करना है | ऐसी परिस्थितियों में नजाने किसको ये मस्ती सूझी थी दुल्हन को तो छोडो मुझे उसके दोनों तरफ खड़ी सहेलियों की पड़ी थी | 😝😝😝😂😂
मेरे निशाने पर सबकी नजर गढ़ी थी अपना तो क्या कोई भी मिले पर बाप की नाक बहुत बड़ी थी | आख़िरकार मेरा तीर निशाने पर जा लगा ख़ुशी के मारे मेरे बाप का सर अंत में जाकर ऊपर उठा | 💪💪💪
शायद ही ऐसी शादी इससे पहले किसी ने देखी होगी जहाँ दारू की बोतल से ज्यादा सेनेटाइजर की बोतल की मांग थी | खाने से पहले , खाने के बाद , फोटो खिचाने से पहले , फोटो खिचाने के बाद यहाँ तक की शादी की हर रश्म के बाद लोग कही न कही पर सेनेटाइजर से हाथ धोने पर लगे थे जिसमे पंडित का स्थान शीर्ष पर था हर दक्षिणा को लेने के बाद वो अपने दोनों हाथो को सेनेटाइजर से साफ़ करके धो रहा था |😜😜😜😜
मेरे जूते को चुराना तो दूर की बात है किसी ने उनकी तरफ देखा भी नहीं | मण्डप पर लिए जाने वाले हर फेरे का अपना हिसाब था एक फेरे पर दो दिन इसी तरह सात फेरो पर 14 दिन का क्वारंटाइन का सबका विचार था | जैसे तैसे शादी ख़त्म हुई अब विदाई की घडी थी पर यहाँ पर सेनेटाइजर की जरूरत हद से ज्यादा पड़ी थी | 😁😁😁
घर पहुंचते ही मैंने अपनी पत्नी से बात करनी चाही पर उसकी एक छींक ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि इसे उसकी अदा समझू या बीमारी फ़ैलाने की दवा समझू | समझ में नहीं आ रहा कि ये लक्षण उस महामारी के हैं या फिर मेरी जिंदगी भर की बीमारी के हैं | ...😂😂😂😂😂😂😂
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Baap Beta comedy
पापा ; ( फ़ोन पे ) बेटा में कल दिल्ली से घर आ रहा हूँ तुम्हे कुछ लाना है तो बता देना |
बेटा ; नहीं पापा मुझे कुछ नहीं चाहिए |
पापा ; क्यों ? हर बार तो कहते हो कि पापा मेरे लिए कुछ लेके आना तो इस बार क्यों मना कर रहे हो |
बेटा ; हां लेकिन मुझे इस बार सच में कुछ नहीं चाहिए |
पापा ; क्या हुआ बेटा किसी ने मारा- डांटा तो नहीं |....😧😧😧
बेटा ; नहीं पापा ऐसा कुछ भी नहीं है |
पापा ; तो फिर क्या बात है बेटा , अपने पापा से नहीं कहोगे तो किससे कहोगे | तुम्हे तो पता है कि पापा तुम्हे कितना प्यार करते है अपने बेटे के लिए कुछ भी कर सकते हैं |.....😍😍😍
बेटा ; मैं आखिरी बार बोल रहा हूँ ऐसी कोई बात नहीं है मुझे कुछ नहीं चाहिए | अगर आप मेरे लिए कुछ करना ही चाहते हो तो अपने साथ कुछ भी मत लाना और हो सके तो खुद भी बिना कपड़ो के घर आ जाना | हम आपको सेनेटाइजर करके गाय के साथ गौशाला में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करने वाले हैं बस यही बात है |
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