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अपने लक्ष्य को कैसे पहचाने ?

अपने लक्ष्य को कैसे पहचाने ?



प्रत्येक व्यक्ति का अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य अवश्य रहता है लेकिन हर कोई अपने लक्ष्य को पाने में सफल नहीं हो पाता है | इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं पर हम इस लेख के माध्यम से समाज में उपस्थित कुछ ऐसी मानसिकता की बात करेंगे जो किसी भी मनुष्य को उसके लक्ष्य से भटका सकती है |

हर मनुष्य का लक्ष्य एक समान हो यह सम्भव नहीं है | कोई अध्यापक तो कोई डॉक्टर कोई खिलाडी कोई वैजानिक तो कोई बिजिनेसमैन बनना चाहता  है | कोई सेना में तो कोई राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहता है |

लेकिन क्या आपके घर वाले या रिश्तेदार आपके इस लक्ष्य से संतुष्ट है ?

यदि नहीं तो यही सवाल सबसे अहम् बन जाता है | अपने लक्ष्य को पहचानने से पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये सवाल कैसे एक इंसान को उसके लक्ष्य से भटकाता है, इसपर हम आज अपने विचार रखेंगे |

वैसे तो लोग कहते हैं कि यदि आप दिल से कोई लक्ष्य को पाना चाहते हो तो आप पर किसी की बातो का कोई असर नहीं पड़ता | चाहे लोग कितना भी भला बुरा क्यों न कहे , यदि आप प्रयास करते रहेंगे तो एक दिन जरूर अपने लक्ष्य को पा कर रहेंगे | तब हर वो लोग जो पहले आपके खिलाफ थे , वही बाद में आपकी तारीफ करेंगे पर ये सब इतना आसान होता भी नहीं जितना की कहा जाता है |

यदि आपके घर वाले या रिश्तेदार आपके लक्ष्य से सहमत न हो या फिर उन्हें आपका लक्ष्य असम्भव सा लगे या फिर उसमे कुछ बुराई लगे तो पहले आपके दिल में बसा लक्ष्य आपके दिमाग पर लाया जायेगा और फिर उसपे विचार करने को आपको विवश किया जायेगा |

उसके बाद आपके सामने अपने सुझावों के साथ दूसरा विकल्प भी रखा जायेगा | एक प्रकार से आपकी मानसिक धुलाई का काम शुरू हो जाता  है और एक दिन ऐसा भी आयेगा कि जब आपको खुद भी समझ में नहीं आएगा कि आप अब क्या बनना चाहते हैं | क्योकि जिस लक्ष्य को आप दिल से चाहते थे , उसमे कमी निकाल के या उसे असंभव बता के आपके दिल व दिमाग दोनों से निकाला जा चुका है |

अब आप चाह कर भी उस लक्ष्य को पाने के बारे में सोच भी नहीं सकते क्योकि उसे पाने के लिए आपको जिस प्रेरणा और अपनों के साथ की जरूरत थी वो तो आपके पास है ही नहीं | इसका एक उदाहरण हम आपके सामने रखना चाहते हैं -

यदि कोई लड़का एक्टर , खिलाडी या बिजिनेसमैन बनना चाहता है तो फिर लोग उसे कहते है कि ये तुम्हारे बस से बाहर है | इसके लिए बहुत पैसा चाहिए जो तुम्हारे पापा के पास नहीं है | ये वही लोग कर सकते है जिनका सम्बन्ध या तो अमीर लोगो से है या वो खुद अमीर हैं | तुम्हारा इसमें सिर्फ पैसे और समय की बर्बाती होगी , जब तुम्हे होश आएगा तब तुम पूरी तरह बर्बात हो चुके होंगे |

तब तक तो तुम्हारे दोस्त भी तुमसे कई आगे निकल चुके होंगे | इसलिए बेटा इतने बड़े सपने देखने का क्या फायदा जो कभी पूरे होने ही नहीं , इसलिए पाँव उतना फैलाओ जितनी की चादर |

ज्यादातर लोग बच्चों की रूचि किसमें है यह जाने बिना उन्हें सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगाने को कहते हैं | हर अभिभावक चाहता है कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर एक अच्छा अफसर बने लेकिन बच्चा क्या बनना चाहता है इससे उन्हें कोई मतलब नहीं |

बचपन से ही उसके दिमाग में ये भरा जाता है कि उसे बड़ा होकर यही करना है जिस कारण बच्चा अपने अन्दर की काबिलियत को कभी पहचान ही नहीं पाता है | यहाँ तक की वो खुद से भी ये सवाल नहीं पुछ पाता कि वो अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता है क्योकि वो तो उसके माता-पिता ने पहले ही तय कर दिया है |

कई बच्चे तो अपने माँ - बाप द्वारा दिखाए गए सपने को ही अपना लक्ष्य मान लेते हैं और अपने  दिल की भावनाओ को समझ ही नहीं पाते है | अगर वो बच्चे उस लक्ष्य को पाने में सफल हो भी जाते हैं तो भी उन्हें वो मानसिक सुख की अनुभूति नहीं हो पाती |

उन्हें तो ये तक पता नहीं होता है कि उन्होंने अपनी काबिलियत और क्षमता से कितना छोटा लक्ष्य प्राप्त किया है |
आपका सच्चा लक्ष्य वही है जो आपके दिमाग व दिल दोनों पर हावी हो | जिसे पाने के पीछे आपका मोह , लालच और लाभ न छुपा हो | 

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लक्ष्य तो वो है जिसे आप सच्चे दिल से पाना चाहते हो | जिसे पाने के लिए मेहनत करने पर आपको ख़ुशी मिलती हो | जो आपके सारे गम को एक पल में भुला दे | जिसे करने के लिए आपको दिन के 24 घण्टे भी कम लगे | चाहे आपको पैसा , नाम और सफलता न भी मिले पर आपको वो ख़ुशी जरूर मिलेगी जो आपको आपकी जिंदगी में कभी भी निराश नही होने देगी  | बिना कोई सफलता पाए अपने लक्ष्य को पाने के लिए सिर्फ मेहनत करने से ही आपको ख़ुशी का अनुभव हो रहा है तो वही आपका सच्चा लक्ष्य है जिसे पाने के लिए आपको दिन - रात एक कर देने चाहिए |

अपने लक्ष्य को चाहना और उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत करने की ख़ुशी किसी ओर के दिखाए सपने को पूरा करने के बाद मिली ख़ुशी से कई ज्यादा होती है |


यदि आपको भी ऐसा काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसमे आपकी खुद रूचि नहीं है तो हम आपको कुछ ऐसे उपाय बतायेगे जिससे आप अपने मन पसन्द का काम या लक्ष्य को प्राप्त कर सके | हमारे द्वारा दिए जाने वाले सुझाव कुछ हद तक तो तक तो ठीक हैं पर पूर्ण रूप से प्रमाणित नहीं हैं |

सही समय की प्रतिक्षा ; कई लोग समय से पहले ही अपना धीरज खो देते हैं जिसके कारण वो खुद अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं | इसलिए कभी - कभी किसी काम को करने के लिए उचित समय का इंतजार भी करना पड़ता है |

निरंतरता ; दुनियाँ में किसी भी काम को शुरू करना या फिर खत्म करना बड़ी बात नहीं है | जरूरत है तो सिर्फ उस काम में निरंतरता बनाये रखने की |

लक्ष्य के प्रति प्रेमभावना रखना ; जो लोग आपके  लक्ष्य की आलोचना करते हैं उन्हें दिखाओ कि आप अपने लक्ष्य से कितना प्यार करते हैं व उसे कितना सम्मान देते हैं | जिस कारण लोगो को आपके ऊपर विश्वास बढ़ेगा जिससे वो हर पल तुम्हारी मदत करने को तैयार रहेगे |

प्रतिभा का प्रदर्शन करना ; जो लोग आपके चुने लक्ष्य से सहमत नहीं हैं | आप उन्हें उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाकर प्रभावित कर सकते हैं जिसमे आपकी रूचि हो | जिससे वे आपके लक्ष्य की प्राप्ति में अपना योगदान देने को तैयार हो जाये |

अवसर की माँग ; फिर भी आपको कोई सपोर्ट न मिले तो अपने लिए एक मौका जरूर मांग लेना अपनी काबिलियत साबित करने के लिए जो एक-दो साल या फिर इससे ज्यादा का भी हो सकता है |

इस आर्टिकल में हमने कुछ ऐसे लोगो को टारगेट किया है जो दुसरो के भविष्य का निर्णय उनकी राय लिए बिना ही करते हैं लेकिन हर कोई एक जैसा नहीं होता कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी सलाह देने से पहले दुसरो से उनकी ख़ुशी किसमें हैं ये जानने का प्रयास करते हैं |    


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