राजू और रिया की कहानी (part-1)
BEST STORY 2020
ये कहानी है एक राजू नाम के लड़के की जो की एक भिखारी था | राजू का ना तो कोई भाई था ना ही कोई बहन थी | राजू बचपन में इतना खूबसूरत था कि एक दिन एक महिला ने जिसका कोई बच्चा नहीं था उसने राजू की माँ के सामने उसका बच्चा गोद लेने का प्रस्ताव रखा और एक लाख रूपए देने की भी बात कही पर गरीबी, माँ की ममता के आगे नहीं टिक पाई और राजू की माँ ने साफ़ इनकार कर दिया |
वो महिला भले ही माँ नहीं बन पाई हो लेकिन माँ की ममता को समझती थी इसलिए बिना जिद किये वो चली गयी | राजू के पैदा होते ही उसके माँ-बाप की जिंदगी में खुशियाँ आने लगी | राजू के आने के बाद एक समय भी ऐसा नही गुजरा जब उनके पेट में भूख हो और खाने के लिए उनके पास कुछ भी नही हो |
राजू जब ठीक से कोई शब्द भी नहीं बोल पाता तभी से उसके हाथो में भीख मांगने के लिए कटोरी थमाई गयी | भिखारियों के साथ रहकर राजू इतनी छोटी सी उम्र में उनकी नकल करके भीख माँगना सीख गया | राजू जब थोड़ा बड़ा हुआ तो वह घुटनों के बल चलकर जिस आदमी के पास जाता उसे पकड़ने के बाद खड़ा होकर जब पैसे मांगने के लिए कटोरी आगे करता तो लोग अपनी भावनाओ को नहीं रोक पाते कई लोगो के आँखों में आँसू तक आ जाते थे |
इतना छोटा लड़का जो बिना सहारे के खड़ा भी नहीं हो पा रहा है वो उनके पैरो के सामने कटोरी ले कर खड़ा है, जिन छोटे-छोटे सुन्दर हाथों में खिलौने होने थे उनमे एक भीख माँगने की कटोरी है | यह दृश्य देखकर कोई पत्थर दिल इन्सान भी मोम की तरह पिघल जाता और उस खूबसूरत बच्चे को बिना पैसे दिए उनका दिल नहीं मानता |
हर दो में से एक आदमी राजू को पैसा दे देता और जो पैसे नहीं भी देता वो भी राजू के हाथ में कुछ खाने की चीज पकड़ा देता था | एक छोटा सा बच्चा भला पैसो की बात क्या जाने ? फिर क्यों उसे लोगो से पैसे माँगकर अपने माँ-बाप को देने में इतनी ख़ुशी महसूस होती है वो तो यह तक नहीं जानता कि जो काम वो कर रहा है वह सही है या गलत |
राजू जिस रेलवे प्लेटफॉर्म पर भीख माँगता था वहाँ का हर आदमी दुकानदार , कर्मचारी और पुलिस सब राजू को जानते थे | लोग राजू को पैसे ही नहीं बल्कि साफ-सुथरे और सुन्दर कपडे भी देते थे जिसे पहनकर वो ओर भी ज्यादा सुन्दर लगता था | उसके माँ-बाप भी राजू को साफ-सुथरे कपडे पहना कर रोज उसे नहलाते थे ताकि लोग उसकी तरफ ओर ज्यादा आकर्षित हो |
ना पैसो की कमी ना खाने की कमी ना ही रहने की कमी राजू के आने के बाद भले ही वे आज भी भिखारी हो लेकिन उनकी जिंदगी उनके देखे सपनो से कई ज्यादा अच्छी थी | लेकिन सुख के साथ-साथ दुःख का होना भी स्वाभाविक था | सभी भिखारी राजू और उसके माँ-बाप से जलते थे, वे हर रोज रात को राजू के माँ-बाप से जबरदस्ती पैसे छीन लेते और न देने पर वे राजू को जान से मारने की धमकी देते थे |
जैसे-जैसे समय बीतता गया राजू बड़ा होने लगा, राजू अब दस साल का हो गया था | अब वह छोटा नहीं रहा जिससे की लोग उसकी मासुमियत को देखकर इतनी आसानी से उसे पैसे दे देते | लेकिन राजू अब भीख माँगने में एक्सपर्ट हो गया, निश्चित रूप से अब वह बचपन की तरह उतना खूबसूरत न रहा हो |
लेकिन अब भी वह लोगो का दिल जीतने में माहिर था और बचपन की तरह वह आज भी बहुत पैसे कमाता और उन पैसों को अपने माँ-बाप के पास दे देता था | लेकिन दूसरे भिखारियों की पुरानी आदत अभी भी जारी थी वो आज भी रात में आकर राजू के माँ-बाप से पैसे छीन कर ले जाते थे |
पर ये बात कभी भी राजू को उसके माँ-बाप ने नहीं बताई क्योकि उन्हें डर था कि अगर राजू को ये सब पता चला तो वह उन भिखारियों से लड़ाई करेगा और हो सकता है कि वे सब मिलकर राजू को जान से मार दे | कही ना कही उस प्लेटफार्म का हर भिखारी राजू पर निर्भर था वे राजू से नफरत तो करते थे पर वो सब चाहते थे कि राजू अच्छे पैसे कमाए ताकि उनके हाथो में भी अच्छी रकम आ सके |
राजू इतने पैसे लाता पर उसे भी समझ नहीं आता था कि आखिर इतने पैसे कहा चले जाते हैं क्योकि उसे तो पैसो को गिनना भी नहीं आता था | राजू लोगो से पैसे मांगने के लिए या तो लोगो के मन में दयाभावना जगाता या फिर उनका मनोरंजन करके उनसे पैसे ले लेता था |
लेकिन राजू के मन में किसी के प्रति कोई दया नहीं थी वो अपने माँ-बाप के अलावा किसी को पसंद नहीं करता था | यहाँ तक की वो अपने दूसरे भिखारी साथियों को पैसो की मदद करना तो दूर वो उन्हें एक बूंद पानी तक देना पसंद नहीं करता था | राजू की कहानी में असली मोड़ तब आता है जब उसकी मुलाकात भीख माँगते हुए एक रिया नाम की लड़की से होती है |
रिया जो की एक अमीर लड़की है उसके पापा पुरे शहर के एक जाने माने बिजिनेसमैन हैं | रिया अमीर होने के बावजूद दिल की बहुत अच्छी थी | रिया हमेशा से ही गरीबों और बेसहारो की मदद करती | वह कभी सड़क पर पड़े घायल कुत्ते को अपने घर लाकर उसका इलाज करती तो कभी किसी अन्धे व्यक्ति का मुफ्त में इलाज कराकर उसकी आँखों की रोशनी लौटा देती |
गरीब और बेसहारा लोगो के प्रति रिया के मन में हमेशा से दयाभावना रहती थी उससे लोगो की परेशानियाँ नहीं देखी जाती, रिया जितनी खूबसूरत थी उससे कई ज्यादा खूबसूरत उसका दिल था | पापा के पास इतना पैसा होने के बावजूद रिया एक सादा जीवन बिताना पसंद करती थी उसे ज्यादा किमती सामान खरीदने का भी शौक नहीं था |
जब रिया तीन साल की थी तभी उसकी माँ उसे छोड़ के चली गई और उसके पापा ने रिया के लिए ही दूसरी शादी भी नहीं की | रिया के पापा अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे वे उसे अपनी जिंदगी मानते थे और आज तक वो रिया की हर ख्वाहिश पूरी करते आये हैं | करते भी क्यों नहीं क्योकि रिया की दयाभावना और लोगो के प्रति उसके मन में सेवाभावना का असर ही था कि उसके पापा के पास पैसो के साथ-साथ पूरे शहर में इज्जत भी थी |
रिया के पापा जब अपनी बेटी को दूसरो की मदद करते देखते थे तो उनके दिल में रिया के प्रति प्यार और भी बढ़ जाता | जब राजू भीख मांगने लिए के रिया के पास आया उस समय रिया अपने पापा के साथ कार में बैठी थी | अपने उम्र के बच्चे को भीख माँगते देखकर रिया को दया आ जाती है और वह राजू से अपने साथ अपने घर चलने को कहती है |
लेकिन राजू तुरन्त मना कर देता है फिर रिया राजू से कहती है की वह उसे उसका मनपसंद खाना खिलायेगी और कुछ पैसे भी देगी यह सुनकर राजू उसके साथ चलने को तैयार हो जाता है | राजू जब रिया के घर पहुँचता है तो वह रिया के घर को देखकर चौक जाता है | राजू को वो घर ऐसा लग रहा था जैसे सोने और चाँदी का बना हो , घर के अंदर की हर वस्तु इतनी सुन्दर थी कि राजू अपनी नजर नहीं हटा पा रहा था |
वह बीच में खड़ा होकर चारो तरफ घूम-घूमकर हर चीज को बड़े गौर से देख रहा था | यह सब देखकर उसका सिर चकरा रहा था | रिया उसे देखकर हँसती है और कहती है कि वह हमारे घर रोज खेलने के लिए आ सकता है | राजू आ जाऊगा पर तुम्हे मुझे हर रोज पैसे देने होंगे | रिया कहती है मुझे कोई दिक्कत नहीं है |
राजू रिया के घर में खाना खाकर और कुछ पैसे लेकर अपने माँ-बाप के पास चला जाता है | आज राजू पूरी रात भर सो नहीं पाता वो घर पूरी रात भर उसकी आँखों में ही घूमता है, काफी दिन हो गये राजू रोज रिया के घर जाता और वही खाना खाता, रिया के साथ खेलता और शाम को कुछ पैसे लेकर घर आ जाता |
एक दिन रिया ने राजू को अपने साथ स्कूल आने को कहा तो राजू ने मना कर दिया पर जब राजू ने सुना कि वहाँ सबसे अमीर लोगों के बच्चे पढ़ते हैं साथ ही वह पुरे शहर का सबसे बेस्ट स्कूल भी है तो उसके मन में विचार आया की जब एक अमीर लड़की मुझे इतना पैसा दे सकती है तो वहाँ तो सभी बच्चे अमीर होंगे | यह सोच कर राजू ने रिया के साथ स्कूल चलने के लिये हाँ कर दीया |
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